Kisan Ke Samay

समय का  आभाव भहुत तेजी से बढ़ रहा है की लोगो की जिंदगी में भाग दौड़ में गति ला है , पहले के समय में और आज के समय में अत्यधिक  परिवर्तन हो गया है "जो समय पहले था वो समय आज के समय पाना मुस्किल है और जो पहले था वो आज की अपेछा तुलना नही कर सकते है "
बदलाव का माहौल हर जगह हो गया है जौसे पहले किसान काम करते थे और  वही आज मशीन काम कर रहा है, एक किसान अपनी जिंदगी को बदना चाहता है वो चाहता है की वो भी समय के था रहकर वो भी चल सके ! वो अपने बच्चो को पड़ा-लिखा कर अपना शीना गर्व से उच करना चाहता है और वो अपने बच्चो को कत्तई  नही देना चाहता है जो वो किसान चखा है
आज अपने बच्चो लोग महंगे -महंगे स्कूल - विद्यालय  में दाखिल करते है ता की उनको अच्छी शिच्छा ,अच्छी नौकरी मिल सके !आज बच्चो के फीस -कॉपी- किताब इतने महगे हो है की उनके माता - पिता की आधी कमाई उनके पढ़ाने में चला जाता है !और आधी कमाई में अपने परिवार के खर्च चलते है !
जब बेटा पढ़ -लिख कर बड़ा हो जाता है और नौकरी के लिए सड़को पर घूमता है और नौकरी नही मिलती है तो तरह- तरह घटनाएं सुनने को मिलता है !
"पहले पढ़ाई में काम खर्च होते थे ,लोग कम पढ़े -लिखे मिलते थे लोग नौकरी के लिए नही मिलते थे और लोग आज है पर नौकरी नही मिलती है " जहा गरीब  ,गरीब  जा रहा है! महगाई बढ़ती जा रही है समय का आभाव बढ़ता जा रहा है पर किसान ,गरीब,मजदुर का समय नही बदल रहा है

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