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Lucknow Metro

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लखनपुर ,लक्ष्मणपुर ,अवध।... लखनऊ का  पहले यही नाम था। जो आज के समय में नाम के साथ -साथ यहाँ के काम भी बदल गये है। लखनऊ पहले छोटा शहर नवाबो का शहर हुआ करता था।  लखनऊ आज भी नवाबो के परम्परावो पर ही आधारित है। लखनऊ ,उत्तर प्रदेश की राजधानी है।  lucknow आज के समय में hight tek city बन गया है।  जो हमे तमाम प्रकार के सुविधाएं मिल रही है। लखनऊ को हम metro के तहत बदलते हुए देख सकते है।                                लखनऊ में Metro  जरुरत इसलिए पड़ी है कि यह जनता को यातायात ( एक जगह से दूसरे जगह जाने में ) दिक्कत होत थी। और पूरा  जाम में लग जाता था।  तो इस तरह देखते हुए Metro का निर्माण हो रहा है ताकि यातायात के दौरान समय की बचत और कठिनाई भी न हो। Metro की खुदाई करके उनमे नीव डालने की तयारी हो रही है। metro  हो रहे काम को workar दिन -रात दोनों समय में काम करते है ताकि मेट्रो का काम जल्द से जल्द काम को पूरा किया जा  सके। यह लखनऊ का हजरतगंज है Merto  को यह से जमीन से अंदर से गुजरा जायेगा ,ताकि ऊपर से हजरतगंज कीशान -ऐ -शौकत बानी रहे। और भीड़ - भाड़ काम रहे।              

Ek Raahi

हे माँ एक भुला हुआ रही  हु मैं चल रहा रहा हूँ लड़खड़ा के गिर जा रहा हूँ पर गिर के भी चलता जा रहा  हु मैं इस हालात मे इस बालक का कहारा सुन ले तू हे माँ एक भुला हुआ राही  हूँ मैं अपने अचल  का सहारा देदे तू लोग कहते है दूर मंजिल है तेरी पर कोई मंजिल दूर नही होती है ये जाना है मैंने एक मुसीबत है मेरी इस मुसीबत का नजारा देदे तू हे माँ एक भुला हुआ राही  हूँ मैं अपने अचल आ सहारा देदे तू समल जायेंगे तेरे इस ऐसान से तेरे  एहसानो पर लड़ा जा रहा हु मैं इस बच्चे की खता है एक उस खता का हिदायत दे दे तू हे माँ एक हुआ राही हूँ मै अपने अचल  सहारा दे दे तू https://www.blogger.com/blogger.g?blogID=8598039121254768705#editor/target=post;postID=1688549130851928865;onPublishedMenu=allposts;onClosedMenu=allposts;postNum=1;src=link

Kisan Ke Samay

समय का  आभाव भहुत तेजी से बढ़ रहा है की लोगो की जिंदगी में भाग दौड़ में गति ला है , पहले के समय में और आज के समय में अत्यधिक  परिवर्तन हो गया है "जो समय पहले था वो समय आज के समय पाना मुस्किल है और जो पहले था वो आज की अपेछा तुलना नही कर सकते है " बदलाव का माहौल हर जगह हो गया है जौसे पहले किसान काम करते थे और  वही आज मशीन काम कर रहा है, एक किसान अपनी जिंदगी को बदना चाहता है वो चाहता है की वो भी समय के था रहकर वो भी चल सके ! वो अपने बच्चो को पड़ा-लिखा कर अपना शीना गर्व से उच करना चाहता है और वो अपने बच्चो को कत्तई  नही देना चाहता है जो वो किसान चखा है आज अपने बच्चो लोग महंगे -महंगे स्कूल - विद्यालय  में दाखिल करते है ता की उनको अच्छी शिच्छा ,अच्छी नौकरी मिल सके !आज बच्चो के फीस -कॉपी- किताब इतने महगे हो है की उनके माता - पिता की आधी कमाई उनके पढ़ाने में चला जाता है !और आधी कमाई में अपने परिवार के खर्च चलते है ! जब बेटा पढ़ -लिख कर बड़ा हो जाता है और नौकरी के लिए सड़को पर घूमता है और नौकरी नही मिलती है तो तरह- तरह घटनाएं सुनने को मिलता है ! "पहले पढ़ाई में काम खर्च होते थे ,लोग

BACHAPAN KI YAADE

एक बचपन का जमाना था खुसियो का खजाना था चाँद को पाने के लिए दिल तितली का दीवाना था एक बचपन का जमाना था खुसियो का खजाना था खबर ना थी कुछ    ना  सुबह ना  शाम का ठिकाना था                                                                                                             थक हार के भी घर आना था                                                                                                             स्कूल में पढ़ने- लिखने भी जाना था                                                                                                             एक बचपन का जमाना था                                                                                                             खुसियो का जमाना था                                                                                                             दादी की कि कहानी  थी परियो का फसाना था बारिश में कागज की खस्ती थी हर मौसम भी सुहाना था एक बचपन का जमाना था खुसियो का जमाना था                                    

Mera Desh

ऐ मेरे दोस्त मेरा देश मुझे बुला रहा है दुआ करेंगे तुम भी आना देश के रंग में तुम रंग जाना  खूब खेलेंगे रंगों की होली  ना  रहेगीं रहेगी किसी चीज की तंगी  ऐ मेरे दोस्त मेरा दश मुझे बुला रहा है                                                                                                अमर वीर शहीदों ने                                                                                           मेरे लिए एक खत भिजवाया है                                                                                            माँ -बाप ,घर -द्वार  भुला के                                                                                            देश के लिए  है मर मिट जान है                                                                                            ऐ मेरे दोस्त मेरे देश मुझे बुला रहा है  बिना बैर से सोचे समझे बॉडर  पर खड़े हो जाना है  आतंकवाद या देश दुश्मनो को  दूर देश भागना है  ऐ  मेरे दोस्त मेरा देश मुझे भुला रहा है